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Chromium Raja (Poem)

February 19, 2021

 

क्रोमियम राजा

यदि होता क्रोमियम तत्व में , रजत-महल में रहता।

स्टीली- बर्तन  पर चढ़ता , जंग कभी ना लगता।

हल्का नीला चांदी जैसा , सुंदर मेरा चेहरा।

आहें भरते सभी तत्व  à¤¸à¤¬à¤•à¤¾, दिल मुझ पर ठहरा।

सभी तत्व आते ही रहते , दरवाजे पर मेरे।

रंगों के ऑक्साइड  बनाते, खूब लगाते फ़ेरे।

ऑक्साइड की बहुल अवस्था, का सब लाभ उठाते।

चुम्बकीय शक्ति के वश में,  फ़ोटो सब खिंचवाते।

कोई गाने गाते कोई , वीडियो शूट कराता।

विडियो ऑडियो कैसेट से में , सबको  हूँ भरमाता।

मेरी संक्रमण शक्ति का,  फिर रौब जमाया जाता।

एकल पांच इलेक्ट्रानो से, मैं योगिक खूब बनाता।

चमड़े की टैनिंग से भैया,  जूते खूब चमकते।

मेरे रंजक गुण से सारे , कपड़े खूब दमकते।

मिश्र- धातु गुण रंजक , मुझ में चुम्बकीय शक्ति है।

काम्प्लेक्स बनाता हूँ , सब करते बस मेरी भक्ति है।

मेरा लघु कोमल शरीर, सब धातु में मिल जाता।

खूब टिकाऊ ओर स्थायी , मिश्र -धातु बन जाता।

प्यार भले ही करो मगर,  चुम्बन के दृश्य ना करना।

जहरीला मेरा शरीर है , पड़ेगा तुझको मरना।